इधर कुछ दिनों से हम रोज शाम गंगा किनारे घूमने जा रहे हैं. लेकिन ये घूमना
बडा ही पीडादायक हो रहा है. रोज ऋषिके्श ्घूमने आये लोगों में से गंगा में
बह जाने वाले लोगों की लाशें देखना दिल को चीर जा रहा है. कल एक लाश
निकाली गयी. आज तीन तीन लाशें एक साथ .पूछने पर पता चला कि तीनों लड्के
चंडीगढ के थे.देहरादून में पदते थे. सुबह राफ्ट से गंगा में मस्ती कर रहे
थे. मना करने के बावजूद नहीं माने भँवर में फँस गये. मेरा समस्त
छात्र-छात्राओं तथा उनके माता-पिताओं से अनुरोध है कि् लक्षमणझूला तथा
रामझूला के बीच गंगा में अनेकों भँवर हैं . जिन्दगी बहुत कीमती है इसे यूँ
ही मौज मस्ती में न गवाँए. सोचिए उन माता- पिता के दिल पर क्या बीतती होगी
जिनके बच्चे असमय इस तरह दुनिया से कूच कर जाते हैं.
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