नये साल की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ!
नये साल ऐसा लिख साथी!
नफरत हो जाए चींटी,
और प्रेम बन जाए हाथी.
भूखे पेट पा जाएँ रोटी ,
और रुदन बन जाए मोती.
नेतागण करलें जनसेवा
जनता भी पा ले कछु मेवा.
सर्दी में न काँपें थर-थर,
गर्मी में भी घर-घर हों घर.
कामचोर कर्मठ बन जाएँ,
मेहनत की रोटी वे खाएँ.
ढोंगी, शोषक ,ठग औ हिंसक भाव न कोई पा जाए,
सीधी -सरल राह हो अपनी ,छल न कोई कर पाए.
अल्लाह, राम औ यीशु में भी भेद न कोई रह पाये.
बच्चे खेले ख़ुशियों में औ धरती हरी -भरी मुस्काये .
नये बरस ऐसा लिख साथी, वन-वन को जीवन मिल जाए
उछलें कूदें जंगल वासी, हम मन से मानव बन जाए.
नये साल ऐसा लिख साथी!
नफरत बन भागे चूहा
और प्रेम बन जाए हाथी.
कल्पना
नये साल ऐसा लिख साथी!
नफरत हो जाए चींटी,
और प्रेम बन जाए हाथी.
भूखे पेट पा जाएँ रोटी ,
और रुदन बन जाए मोती.
नेतागण करलें जनसेवा
जनता भी पा ले कछु मेवा.
सर्दी में न काँपें थर-थर,
गर्मी में भी घर-घर हों घर.
कामचोर कर्मठ बन जाएँ,
मेहनत की रोटी वे खाएँ.
ढोंगी, शोषक ,ठग औ हिंसक भाव न कोई पा जाए,
सीधी -सरल राह हो अपनी ,छल न कोई कर पाए.
अल्लाह, राम औ यीशु में भी भेद न कोई रह पाये.
बच्चे खेले ख़ुशियों में औ धरती हरी -भरी मुस्काये .
नये बरस ऐसा लिख साथी, वन-वन को जीवन मिल जाए
उछलें कूदें जंगल वासी, हम मन से मानव बन जाए.
नये साल ऐसा लिख साथी!
नफरत बन भागे चूहा
और प्रेम बन जाए हाथी.
कल्पना
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