tag:blogger.com,1999:blog-2227131611132794448.post2625727778148413877..comments2023-08-14T06:46:06.235-07:00Comments on दृष्टि: दंगा और मौतकल्पना पंतhttp://www.blogger.com/profile/03378819247407268207noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2227131611132794448.post-67483816668907660452011-11-07T08:46:24.061-08:002011-11-07T08:46:24.061-08:00बहुत प्रभावी ढंग से बयान किया है यह त्रासद अनुभव, ...बहुत प्रभावी ढंग से बयान किया है यह त्रासद अनुभव, और उतने ही अच्छे ढंग से खींच दिया है चित्र उस भयावह मंज़र का. बधाई.मोहन श्रोत्रियhttps://www.blogger.com/profile/00203345198198263567noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2227131611132794448.post-46045718248882728142011-10-29T04:08:12.642-07:002011-10-29T04:08:12.642-07:00तकलीफ है उन्माद है
अव्यक्त सा अवसाद है
और हम हैं अ...तकलीफ है उन्माद है<br />अव्यक्त सा अवसाद है<br />और हम हैं अपने आदर्शों के आवरणों को<br />उधड्ते देख्नने को अभिशप्त<br />इस भयानक मन्जर को कैसे करूँ मैं व्यक्त<br />कि हम अभी भी अपनी- अपनी चाहरदीवारियाँ<br />दुरुस्त कर रहे हैं<br />वस्तुस्थिति का सामना कराती कविताKiran Tripathihttps://www.blogger.com/profile/08015203508503572125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2227131611132794448.post-77301539351862932622011-10-29T04:04:31.279-07:002011-10-29T04:04:31.279-07:00This comment has been removed by the author.Kiran Tripathihttps://www.blogger.com/profile/08015203508503572125noreply@blogger.com