क्या फर्क पड्ता है कि हमारा खून जलेगा
हैदराबाद
और फिर कोइ नयाबाद
तुम्हें मुबारक
सत्तासीनों!
राजनीति को नया परचम मिलेगा
क्या फर्क पड्ता है कि
हमारा खून जलेगा
फिर-फिर बेगुनाहों का लहू बहेगा
तुम्हें मुबारक
एक नया नारा मिलेगा
हमारी रात होगी
तुम्हारा दिन खिलेगा.....
............
हैदराबाद
और फिर कोइ नयाबाद
तुम्हें मुबारक
सत्तासीनों!
राजनीति को नया परचम मिलेगा
क्या फर्क पड्ता है कि
हमारा खून जलेगा
फिर-फिर बेगुनाहों का लहू बहेगा
तुम्हें मुबारक
एक नया नारा मिलेगा
हमारी रात होगी
तुम्हारा दिन खिलेगा.....
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