Sunday, July 28, 2013

स्वप्न

पहाड एक स्वप्न था
हरी- भरी वादी का
फूलों की घाटी का
श्वेत हंसों का
मेघदूत के मेघ
यक्षों के संदेश
जल प्लावन की कथा
में बह गये और
कठोर यथार्थ पर स्वप्न सारे ढह गये
अब भी जीने का चट्टानी बल लिये
जीता है पहाड
सीने पर पहाड
राजनीति की बंदरबाँट
राहत पर किसी तीसरे की आँख






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